Pyaar Hua, Ikrar Hua (From "Shri 420") [1955] - Lata Mangeshkar, Shankar Jaikishan, Manna Dey: текст песни id 2883918
प्यार हुआ इकरार हुआ है
प्यार से फिर क्यों डरता है दिल
प्यार हुआ इकरार हुआ है
प्यार से फिर क्यों डरता है दिल
कहता है दिल, रस्ता मुश्किल
मालुम नहीं है कहाँ मंज़िल
कहता है दिल, रस्ता मुश्किल
मालुम नहीं है कहाँ मंज़िल
प्यार हुआ इकरार हुआ है,
प्यार से फिर क्यों डरता है दिल
कहता है दिल, रस्ता मुश्किल
मालुम नहीं है कहाँ मंज़िल
प्यार हुआ इकरार हुआ है,
प्यार से फिर क्यों डरता है दिल
कहो की अपनी प्रीत का गीत ना बदलेगा कभी
तुम भी कहो इस राह का मीत ना बदलेगा कभी
प्यार जो टुटा, साथ जो छूटा, चाँद ना चमकेगा कभी
प्यार हुआ इकरार हुआ है,
प्यार से फिर क्यों डरता है दिल
कहता है दिल, रस्ता मुश्किल
मालुम नहीं है कहाँ मंज़िल
प्यार हुआ इकरार हुआ है,
प्यार से फिर क्यों डरता है दिल
राते दसों दिशाओं से कहेगी अपनी कहानियां
गीत हमारे प्यार के दोहरायेगी जवनिया
मै ना रहूँगी, तुम ना रहोगे फिर भी रहेगी निशानिया
प्यार हुआ इकरार हुआ है,
प्यार से फिर क्यों डरता है दिल
कहता है दिल, रस्ता मुश्किल
मालुम नहीं है कहाँ मंज़िल
कहता है दिल, रस्ता मुश्किल
मालुम नहीं है कहाँ मंज़िल
प्यार हुआ इकरार हुआ है,
प्यार से फिर क्यों डरता है दिल
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